Sawan Somwar 2019 — Shravan Somvar Vrat date and time

Bhakti Sarovar
4 min readJul 17, 2019

इस वर्ष सावन मास की शुरुवात 17 जुलाई यानी आज के दिन से हो रही है, सावन का महिना शिवजी की आराधना के लिये श्रेष्ठ माना गया है। इस बार सावन का यह महिना पुरे तीस दिन का है, और इस बार सावन में चार सोमवार आयेंगे पहला सोमवार 22 जुलाई को होगा और सावन का अंतिम दिन 15 अगस्त को होगा।

शिवजी के प्रिय सावन माह में भक्तगण कावड़ यात्रा पर निकलेंगे और पवित्र शिवलिंगों पर जल चढाया जाएगा। इस बार सावन का महिना कई शुभ संयोगों वाला है, आइये जानें इस वर्ष के सावन मास से सम्बंधित महत्वपूर्ण बातें…

शिवजी का प्रिय सावन माह इस वर्ष कई शुभ संयोगो के साथ आया है, इस वर्ष हरियाली अमावस्या पर पंच महायोग का अद्भुत संयोग बन रहा है जो 125 वर्षों बाद आया है। इस वर्ष सावन की शुरुवात सूर्य प्रधान उत्तरा-षाढ़ा नक्षत्र से हो रही है जो 17 जुलाई यानी आज के दिन से शुरू हो रहा है, आज वज्र और विष कुंभ योग भी है जो इस वर्ष के सावन को मंगलकारी बनाने वाला योग है।

सावन 2019 की मुख्य तिथियां और संयोग

श्रावण मास प्रारम्भ : 17 जुलाई 2019
सावन का पहला सोमवार : 22 जुलाई 2019, श्रावण कृष्ण पंचमी
सावन का दूसरा सोमवार : 29 जुलाई 2019, त्रयोदशी प्रदोष व्रत
सावन का तीसरा सोमवार : 5 अगस्त 2019, नागपंचमी, सर्वार्थ सिद्धि योग
सावन का चौथा सोमवार : 12 अगस्त 2019, त्रयोदशी तिथि
सावन माह का का अंतिम दिन : 15 अगस्त 2019
हरियाली अमावस्या : 1 अगस्त 2019
हरियाली तीज : 3 अगस्त 2019
नागपंचमी : 5 अगस्त 2019
रक्षाबंधन : 15 अगस्त 2019

सावन का पवित्र महीना 17 जुलाई यानी आज के दिन से शुरू हो रहा है, आज के दिन से ही व्रत और त्योहारों की शुरुआत भी हो जाएगी। सावन के महीने में भगवान शिव का रुद्राभिषेक भी किया जाता है, अलग-अलग चीजों से रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।

सावन महीने में मंगलवार का व्रत भगवान शिव की पत्नी देवी पार्वती के मंगला गौरी स्वरुप के लिए रखा जाता है, श्रावण के महीने में किए जाने वाले मंगलवार व्रत को मंगला गौरी व्रत कहा जाता है।

सावन का पहला सोमवार : First Monday of Sawan 2019

सावन का पहला सोमवार इस वर्ष 22 जुलाई को आएगा, पहली सोमवारी श्रावण कृष्ण पंचमी तिथि को पड़ रही है जो बेहद ही लाभकारी मानी गई है। इस दिन से शिवभक्त चार सोमवार और सोलह सोमवार के व्रत की शुरुआत करते हैं।

सावन माह में सोमवार के दिन जो व्रत रखा जाता है, उसे सावन का सोमवार व्रत कहते हैं। इसी प्रकार सावन के पहले सोमवार से लगातार 16 सोमवार तक व्रत रखने को सोलह सोमवार व्रत कहते हैं। सावन माह की त्रयोदशी तिथि से भगवान शिव के प्रदोष व्रत की भी शुरुवात की जा सकती है, यह व्रत भगवान शिव और मां पार्वती का आशीर्वाद पाने के लिये किया जाता है।

सावन का दूसरा सोमवार : Second Monday of Sawan 2019

सावन का दूसरा सोमवार 29 जुलाई को होगा, सावन की दूसरी सोमवारी के दिन त्रयोदशी प्रदोष व्रत के साथ ही सर्वार्थ अमृत सिद्धि योग भी बन रहा है, त्रयोदशी तिथि भगवान शिव की प्रिय तिथि है, शिव पुराण में उल्लेख है कि इस दिन शिवजी कैलाश पर्वत पर आनंद तांडव नृत्य करते हैं।

इस दिन भोलेनाथ को बेलपत्र, धतूरा, भांग, शहद आदि अर्पित कर विशेष पूजन करना चाहिए, इससे परिवार में आ रही स्वास्थ्य की समस्याएं दूर होती हैं। इस दिन शिवलिंग पर लाल व सफेद आंकड़े का फूल चढ़ाने से भगवान शिव मनोकामनायें पूरी करते है और घर में सुख-समृद्धि आती है।

सावन का तीसरा सोमवार : Second Monday of Sawan 2019

सावन का तीसरा सोमवार 5 अगस्त को आयेगा, इस बार तीसरी सोमवारी के दिन नागपंचमी का शुभयोग होगा जो अति भाग्यशाली माना गया है। नागपंचमी के दिन चंद्र प्रधान हस्त नक्षत्र और त्रियोग का संयोग भी बन रहा है।

सर्वार्थ सिद्धि योग, सिद्धि योग और रवि योग अर्थात त्रियोग के संयोग में काल सर्प दोष निवारण के लिए पूजा करना फलदायी होता है। सावन के तीसरे सोमवार पर भगवान शिव के तीन स्वरूपों की उपासना करने से मनोकामना पूर्ति होती है, शिवजी के यह तीन स्वरुप नीलकंठ, नटराज और महामृत्युंजय के नाम से जाने जाते हैं।

सावन का चौथा और आखिरी सोमवार : Fourth Last Monday of Sawan 2019

सावन का चौथा और आखिरी सोमवार 12 अगस्त को होगा, अंतिम सोमवार के दिन त्रयोदशी तिथि का शुभ संयोग है। सावन के आखिरी सोमवार के दिन गाय के घी में कर्पूर मिलाकर महामृत्युंजय मंत्र से 108 आहुति अग्नि में देने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। अंतिम सावन सोमवारी को दिन में दो बार सुबह और शाम को भगवान शंकर व मां पार्वती की अर्चना करनी चाहिये, और शिवलिंग पर जल व दूध अर्पित करना चाहिये।

सावन के शुभ संयोग

सावन के शुभ संयोग

सावन माह में इस वर्ष 1 अगस्त को हरियाली अमावस्या का त्यौहार मनाया जाएगा, इस दिन पंच महायोग का अद्भुत संयोग बन रहा है, यह संयोग लगभग 125 साल बाद बन रहा है। इस दिन पहला सिद्धि योग, दूसरा शुभ योग, तीसरा गुरु पुष्यामृत योग, चौथा सर्वार्थ सिद्धि योग और पांचवां अमृत सिद्धि योग का संयोग है।

पंच महायोग के संयोग में कुल देवी-देवता तथा मां पार्वती की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। इस दिन भगवान शिव और माँ पार्वती की पूजा करने से दाम्पत्य जीवन में आ रही समस्याओं से भी छुटकारा मिलेगा।

Raksha Bandhan 2019 Date & Time

सावन माह का का अंतिम दिन 15 अगस्त को होगा, इसी दिन स्वतंत्रतता दिवस और रक्षाबंधन का पर्व भी मनाया जायेगा। इस दिन चंद्र प्रधान श्रवण नक्षत्र में है और रात्रि नौ बजे के बाद पंचक शुरू हो जायेगा, इसलिये पंचक से पूर्व ही राखी बंधवाना श्रेष्ठ होगा।

सावन के पवित्र महीने में माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करने से असीम कृपा की प्राप्ति होती है, प्रत्येक सोमवार के दिन भगवान शंकर के सामने तिल के तेल का दीया प्रज्वलित करने और फल व फूल अर्पित करने से शिवजी प्रसन्न होते हैं।

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